पल्लव
Sunday, June 30, 2013
{ ६२० } {June 2013}
सुधियों के दर्पण में आज अचानक ही
मोहक छवि का प्रतिबिम्ब उभर आया
बिखरे केश, मादक नयन, कामिनी रूप
आभासित कौमुदी कान्ति की प्रति छाया।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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