पल्लव
Sunday, June 30, 2013
{ ६२२ } {June 2013}
इन हँसती आँखों में अश्कों के मँजर बहुत हैं
ये दिल रुसवाइयों और गमों को छुपाये हुए है।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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