पल्लव
Monday, June 24, 2013
{ ६०६ } {June 2013}
जिसके लिये मेरा दिल बेकरार था अब तक
साँस-साँस में जिसका इंतज़ार था अब तक
हम आ पहुँचे है उसके दिल की वादियों में
खनक रहे हृदय-वीणा के तार-तार अब तक।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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