पल्लव
Monday, May 14, 2012
{ २७० } {May 2012}
रोज कहने को रात आती है
दिन के साये में डूब जाती है
जैसे खुश-ज़िन्दगी एक दिन
मौत के साये में डूब जाती है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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