पल्लव
Saturday, May 26, 2012
{ २८८ } {May 2012}
सितारों को ले हसीन रात झूम रही है
कलियों के होठ को किरण चूम रही है
गुमान कर नाच रही मदमस्त जवानी
लगे जैसे नई धुरी पर जमीं घूम रही है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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