पल्लव
Monday, May 14, 2012
{ २७१ } {May 2012}
जूझ कर ऊँची-ऊँची लहरों से
जलयान जैसे कूल तक पहुँचे
हम ज़िन्दगी से हजारों खार
पार कर, एक फ़ूल तक पहुँचे।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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