पल्लव
Tuesday, May 22, 2012
{ २८१ } {May 2012}
एक - दो पल की मुस्कुराहट को
देर तक आँसुओं ने ही दोहराया
चन्द लमहों के प्यार की कीमत
खून दिल का भी नही चुका पाया।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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