Monday, May 7, 2012

{ २५८ } {May 2012}




रोटी को भूख रो रही, संकट में आस डगमग हो रही
शान्ति-शान्ति नाम जपते, शान्ति चीथडॊं में सो गयी
सत्ता के सत्ताधीशों पर सत्ता का ही नशा चढ गया
बेतौर रंग-ढंग से अपने भारत का लोकतंत्र सड गया।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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