Saturday, May 26, 2012

{ २८७ } {May 2012}





जिसके दिल में आग जलती प्यार की
चाँदनी ने खुद नहलाया जिसका तन है
धन-दौलत का वो करे भी क्या आखिर
जिसको भरपूर मिला हुस्न का धन है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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