पल्लव
Monday, May 14, 2012
{ २७४ } {May 2012}
दिल की बेचैनियाँ कुछ कहती है
उन पलों को हर वक्त सहती हैं
वीरानियों को हम साया बनाया
उदासियों में अब आँख बहती है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment