पल्लव
Monday, May 7, 2012
{ २५५ } {May 2012}
आँख नम है तो क्या हुआ यारों
मेरे आँसू हर वक्त मुस्कुराते हैं
मेरे गीत चिराग बनते मँजिल के
आँधियों में भी जलते-जगमगाते हैं।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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