पल्लव
Friday, February 10, 2012
{ १४६ } {Feb 2012}
यह जीवन प्यासा पनघट है
आकुल तृष्णा की लहरों का
अन्तर मे इसके जमघट है
यह जीवन प्यासा पनघट है ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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