पल्लव
Thursday, February 23, 2012
{ १८० } {Feb 2012}
वो नूरे-मुजस्सम अचानक आ गई
सामने मुझ को पा कर घबरा गई
बहुत बचाई नजरें मुझसे, लेकिन
बचाते बचाते भी नजरें टकरा गईं ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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