पल्लव
Monday, February 13, 2012
{ १६३ } {Feb 2012}
शाम का बेसब्र इन्तजार करता हूँ
सुबह पर बहुत एतबार करता हूँ
सिर्फ़ इस एक फ़ूल की खातिर
सारी बगिया से प्यार करता हूँ ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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