Monday, February 13, 2012

{ १६८ } {Feb 2012}






चाँदनी बद-हवास लगती है
रोशनी बे-लिबास लगती है
आप को देख कर जाने क्यो
मेरे लबों को प्यास लगती है ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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