Thursday, February 23, 2012

{ १८२ } {Feb 2012}





सरिता का जल कहता चलना ही ज़िन्दगी है
चमन का फ़ूल कहता खिलना ही ज़िन्दगी है
गगन में चमकते सूर्य-चन्द्र-सितारे और इस
माटी के मौन दर्द को समझना ही ज़िन्दगी है ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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