पल्लव
Friday, April 5, 2013
{ ५११ } {April 2013}
दिखे जब नभ में वो बादल सुहाने
लिख दिये मैनें प्यार के नये तराने
पाँव की पायल कह रही सब कहानी
चमके बिजली मुस्कुराहट के बहाने।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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