पल्लव
Monday, April 29, 2013
{ ५६८ } {April 2013}
पवन जब-जब मन के दरवाजे पर दस्तक देता
हो जाता विरह का आभास छलकती आँखों को।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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