पल्लव
Thursday, April 18, 2013
{ ५५५ } {April 2013}
यादें द्रुत-गति से आती-जाती हैं
यादें दिल का उल्लास बढाती हैं
यादें कभी तिल-तिल जलाती हैं
निर्विकार रहता जो जीवन में
यादें उसकी समरस हो जाती हैं।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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