पल्लव
Saturday, April 20, 2013
{ ५६० } {April 2013}
दिल में मस्तानी खुशियाँ छाती जा रही हैं
आँखें भी नींद से बोझिल होती जा रही हैं
आपके लहराते गेसुओं की मस्त खुश्बुयें
कितने दिलकश सुरों में गाती जा रही हैं।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment