पल्लव
Tuesday, April 16, 2013
{ ५३६ } {April 2013}
पाकर इश्क को मुतमैन हैं हम
इश्क में हाथ ऐसा खजाना लगा
इश्क ही रास्ता, इश्क ही मंजिल
इश्क दिल को ऐसा सुहाना लगा।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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