पल्लव
Monday, April 8, 2013
{ ५२१ } {April 2013}
प्यार का इंकलाब लिखता हूँ
कल्पना का गुलाब लिखता हूँ
बैठ कर किसी अँधेरे कोने में
रोशनी की किताब लिखता हूँ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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