पल्लव
Saturday, April 6, 2013
{ ५१४ } {April 2013}
धडकनों में तुमको संजोये हम
हर साँस में तुमको पिरोये हम
तुम जो आये थे रात सपनों में
नींद तो आई मगर न सोये हम।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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