Saturday, April 13, 2013

{ ५२७ } {April 2013}





इश्क है जहर से लबरेज़ पैमाने का नाम
इश्क है फ़रेबे-मुस्तकिल खाने का नाम
दिलदारी के ये रँग कितने दिलचस्प हैं
लेते हैं मेरे सामने ही वो बेगाने का नाम।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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