पल्लव
Monday, October 6, 2014
{ ७९३ } {Aug 2014}
जिस तमन्ना से आज हम तुमको देखा किये
या रब ये तमन्ना जीस्त भर यूँ ही कायम रहे।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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