पल्लव
Friday, October 3, 2014
{ ७७८ } {June 2014}
कब तक न छलकने दूँ सब्र का प्याला
तेरा हुस्नो-जमाल बड़ा ही कातिल है।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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