Thursday, October 2, 2014

{ ७७२ } {May 2014}





जब नफ़रतों के रास्ते गुजरेगी ज़िन्दगी
हर कदम हम सबको अखरेगी ज़िन्दगी
चमन में महकाओं मोहब्बत की खुश्बू
खुश्बु-ए-गुल से खुद सँवरेगी ज़िन्दगी।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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