पल्लव
Friday, October 10, 2014
{ ८०४ } {Sept 2014}
वक्त ने ही गम दिया है और वक्त ही मरहम बनेगा
फ़िर गिले-शिकवों में क्यों वक्त जाया किया जाये।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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