Monday, October 6, 2014

{ ७९५ } {Sept 2014}





दर्द का मंजर है एहसास के करीब
पीर का समन्दर है प्यास के करीब
हमदम ! खामिंयों पे निगाह न कर
न शक खड़ा कर विश्वास के करीब।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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