Thursday, October 2, 2014

{ ७७३ } {May 2014}





तू कुदरत का करिश्मा
तुझमे खुदा का नूर है
तू किस्मत की है धनी
हुस्न पाया भरपूर है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment