पल्लव
Thursday, October 2, 2014
{ ७७७ } {June 2014}
नाराज है चाँद और चाँदनी भी है खफ़ा सी
क्यों होता है ये तमाशा मेरी ही ज़िन्दगी में।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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