पल्लव
Wednesday, October 1, 2014
{ ७६७ } {May 2014}
ये मन पँछी कहाँ जा कर करेगा बसेरा
जब नेह की डालियों के सहारे ही न हों।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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