Monday, December 24, 2012

{ ४३८ } {Dec 2012}





पलता स्नेह पोथी और
क्षणवादी संस्कृति में अब
निज संबन्धों की मति
क्या पता बदल जाये कब।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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