पल्लव
Friday, December 21, 2012
{ ४१० } {Dec 2012}
मन के मौसम में, दिल की धडकन ने
जब-जब सुख सपनो के फ़ूल खिलाये
अनगिन चित्र बने मन के चित्रपटल पे
लब पे मुस्कानों सँग नैना भर-भर आये।।
-- गोपाल कॄष्ण शुक्ल
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