पल्लव
Friday, December 21, 2012
{ ४०९ } {Dec 2012}
एक दीप और जले।
चीर अँधकार उजास भर चले।।
भावना निराश हो नहीं
कामना हताश हो नहीं
हृदय उदास हो नहीं
शिथिल प्रयास हो नहीं।।
तूफ़ान में दीप जले।
एक दीप और जले।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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