पल्लव
Sunday, December 23, 2012
{ ४२३ } {Dec 2012}
हम बहुत याद आयेंगें, कभी तुमको अकेले में
जब हम खो चुके होंगें, गमे-दुनिया के मेले में
अकेले थे, अकेले हैं, और अकेले ही रहेंगें हम
जैसे चाँद भी है तनहा, किसी गम के झमेले में।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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