Monday, December 24, 2012

{ ४३० } {Dec 2012}





दिल में कितने घाव दिये हैं
दर्द इन होठों को ही सिये है
दे कर खुशियाँ उनको सारी
गमों के जख्म हमने लिये हैं।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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