Tuesday, December 25, 2012

{ ४४३ } {Dec 2012}





पाकर तुमको हम मुस्काते
जीवन तुम्हारे साथ बिताते
कैसे गुजरे मेरे ये पल-छिन
तुमसे मिल तुमको बतलाते।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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