पल्लव
Saturday, December 22, 2012
{ ४१५ } {Dec 2012}
अपनी इन अदाओं को तुम अब समेट लो
हो जायेगी वरना शहर की हवा भी पागल।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment