Monday, December 24, 2012

{ ४३४ } {Dec 2012}





मेरे हर लफ़्ज़ में तेरे ही भाव हैं
सिर्फ़ तू ही तो मेरा स्वभाव है
तू है मेरा चाँद मैं हूँ तेरी चाँदनी
जहाँ पर तू है वहीं मेरा पडाव है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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