पल्लव
Saturday, December 22, 2012
{ ४२० } {Dec 2012}
पुष्पों का भी सानिध्य मिलेगा
पहले काँटों पर तो हम सो लें
निच्छल प्रेम युग की गंगा है
हम सारे पाप सहज ही धो लें।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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