Thursday, October 20, 2011

{ ४२ } {Oct 2011}







होठों पर क्यों खेल रहा है आज नई मुस्कान का रंग
खेल रहा है तेरी आँखों में यह किस अरमान का रंग ||

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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