Saturday, May 26, 2012
Wednesday, May 23, 2012
Tuesday, May 22, 2012
{ २७८ } {May 2012}
भारत के नभ के ज्योतिर्मय तारे अस्त हो गये क्या ?
भारत के युवा शोक-सिन्धु में डूब पस्त हो गये क्या ?
क्यों ढक लिया है कृष्णावरण में भारत ने तन सारा ?
भारत डूबा अन्ध तमस में, पथ खो गया कहाँ हमारा ?
ओ भारत के नव प्रकाश, प्रेरणा अब तुमको ऐसी आये।
साहस को तुम वरण करो, भारत पुनः स्वर्ग बन जाये।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
Monday, May 14, 2012
Wednesday, May 9, 2012
{ २६६ } {May 2012}
राणा प्रताप शौर्य शक्ति का ज्वलंत नाम
भारत भू का कण-कण करता तुम्हे प्रणाम।।
राणा की वक्र भृकुटि में था प्रलय मचलता
उनका विशाल स्कंध-वक्ष देख शत्रु दहलता
स्वयं हेतु क्या देश - हित दे निज प्राण को
दिखलाया हिन्द का जौहर इस जहान को।।
राणा प्रताप शौर्य शक्ति का ज्वलंत नाम
भारत भू का कण-कण करता तुम्हे प्रणाम।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
Monday, May 7, 2012
{ २४९ } {May 2012}
गमे - हिज्र इन आँखों से बयाँ है
कब हो गई सुबह, शाम कहाँ है
कुछ तो समझो मौसम के इशारे
हसीन है चाँद और रात जवाँ है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
Thursday, May 3, 2012
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