Friday, January 31, 2014

{ ७२० } {Jan 2014}





अश्कों के खजाने यूँ ही नहीं हासिल होते
पीना पड़ता है जहरे-जुल्म काफ़ी मुद्दत तक।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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