Sunday, March 4, 2012

{ २०१ } {March 2012}





तुमसे ही खुश्बू को है आसरा
तुमसे ही तो रस है कामराँ
तेरे चेहरे का नूर ही कर जाता
हम से दीवानो का दिल बावरा ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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