Monday, February 18, 2013

{ ४७९ } {Feb 2013}





सबकी सुनते हो व्यथा तुम
आँख में अपने आँसू लिये
व्यथा अपनी किसको सुनाई
हो लबों को तुम अपने सिये।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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