Sunday, March 17, 2013

{ ५०६ } {March 2013}






तुझे चाहा है, तुझे अपनी आँखों में बसाया है
तुझसे किया है इश्क तेरा इश्क आजमाया है
मेरी नजरों पे अक्श रहता है सिर्फ़ तुम्हारा ही
मेरा हर गीत तुम हो तुमको ही गुनगुनाया है।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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