Saturday, April 11, 2015

{ ८९१ } {March 2015}





है हसरत यही कि जल्द आपका कहीं दीदार हो
कब तलक यूँ आपकी तस्वीर देख जिन्दा रहूँ।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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