Friday, April 13, 2012

{ २३५ } {April 2012}





किसी दिन धूल में ही मिल जायेगा
रूप हिरनी का हो या कि नागिन का
कोई नही आया अजर-अमर हो कर
फ़ूल भी मेहमान है एक-दो दिन का।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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