Monday, December 24, 2012

{ ४३२ } {Dec 2012}





तराने उन्ही के आसमानों तक जाते हैं
जिसे सुन रूहों के दिल भी भर आते हैं
रहते हर वक्त जो सोज के समन्दर मे
वही मजहबे-इश्क में शामिल हो पाते हैं।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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